Tarkeshwar mahadev mandir
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ताड़केश्वर महादेव मंदिर जयपुर: शिवभक्तों के लिए एक दिव्य स्थल

जब भी हम किसी शहर की धरोहरों या मंदिरों की बात करते हैं, तो अक्सर वे शहर बसने के बाद बनाए गए होते हैं। लेकिन दुनिया में कुछ ही ऐसे मंदिर हैं जो शहरों के अस्तित्व में आने से पहले बने थे। ऐसा ही एक अद्वितीय मंदिर है ताड़केश्वर महादेव मंदिर, जो जयपुर में स्थित है। जयपुर का नाम कभी ‘जैपर’ था, और यह मंदिर उस समय से भी पहले का है। आज जयपुर यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज सिटी का हिस्सा है, और इस गौरवशाली पहचान में तारकेश्वर महादेव मंदिर का भी अहम योगदान है। तो आइए, जानते हैं इस ऐतिहासिक और पावन मंदिर के बारे में विस्तार से।

ताड़केश्वर महादेव मंदिर, जयपुर का इतिहास

तारकेश्वर महादेव मंदिर जयपुर के सबसे प्राचीन और पवित्र स्थलों में से एक है। इस मंदिर का इतिहास जयपुर शहर की स्थापना से भी पहले का है। मान्यता है कि जब जयपुर बसाया गया था, उससे पूर्व ही इस स्थान पर एक स्वयंभू शिवलिंग प्रकट हुआ था। प्रारंभ में यहाँ एक छोटा सा मंदिर था, जिसे समय के साथ जयपुर रियासत के प्रसिद्ध वास्तुकार विद्याधर जी ने भव्य स्वरूप प्रदान किया।

तारकेश्वर महादेव मंदिर की वास्तुकला पारंपरिक राजस्थानी शैली में निर्मित है, जो एक महल जैसे भव्य स्वरूप में दिखाई देती है और हर श्रद्धालु का मन मोह लेती है। मंदिर का मुख्य आकर्षण इसके गर्भगृह में स्थापित विशाल शिवलिंग है, जो काले पत्थर से निर्मित है और लगभग 9 इंच व्यास का है। इस स्वयंभू शिवलिंग की दिव्यता और ऊर्जा का अनुभव भक्तगण दूर-दूर से करने आते हैं।

मंदिर का निर्माण

तारकेश्वर महादेव मंदिर जयपुर का विस्तृत निर्माण कार्य 1758 ईस्वी में पूर्ण हुआ। जयपुर के तत्कालीन शासकों ने इस पावन स्थल के महत्व को समझते हुए इसे एक भव्य मंदिर का रूप दिया। मंदिर के चारों ओर फैले देवदार और चीड़ के घने वन इसे एक अत्यंत रमणीय वातावरण प्रदान करते हैं, जो यहाँ आने वाले हर यात्री को एक आध्यात्मिक अनुभव कराते हैं।

यह मंदिर न केवल भगवान शिव को समर्पित है, बल्कि यहाँ भगवान गणेश की भी एक विशेष प्रतिमा विराजमान है। इस गणेश प्रतिमा की खासियत यह है कि इसका सूंड बायीं ओर मुड़ा हुआ है, जिसे अत्यंत शुभ और विशेष माना जाता है।

मंदिर के प्रांगण में स्थापित विशाल घंटियाँ, जिनका वजन लगभग 125 किलोग्राम है, मंदिर की भव्यता और शक्ति का प्रतीक हैं।

प्रमुख त्योहार और आयोजन

तारकेश्वर महादेव मंदिर, जयपुर में महाशिवरात्रि और गणेश चतुर्थी जैसे पर्व बड़ी धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाए जाते हैं। इन अवसरों पर मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना, भजन-कीर्तन और अन्य धार्मिक आयोजन होते हैं। देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु इन पर्वों के दौरान मंदिर में आकर भगवान शिव और गणपति बप्पा का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

ताड़केश्वर नाम कैसे पड़ा?

प्राचीन समय में जिस स्थान पर आज ताड़केश्वर महादेव मंदिर स्थित है, वहाँ ताड़ के वृक्षों की भरमार थी। घने ताड़ के वृक्षों के बीच यह स्थान एक प्राकृतिक तपोभूमि जैसा प्रतीत होता था। मान्यता है कि एक बार अंबिकेश्वर महादेव मंदिर के व्यास, सांगानेर जाते समय इस स्थान पर कुछ समय के लिए रुके थे। विश्राम के दौरान ही उन्होंने यहाँ स्थित शिवलिंग के प्रथम दर्शन किए। चूँकि यह स्थान ताड़ के पेड़ों से आच्छादित था और यहाँ शिवलिंग के अद्भुत दर्शन हुए थे, इसलिए इस पवित्र स्थल का नाम ‘ताड़केश्वर महादेव’ पड़ा।

तारकेश्वर महादेव मंदिर, जयपुर- प्रवेश शुल्क

श्रेणीप्रति व्यक्ति टिकट शुल्क
प्रवेश शुल्कनिःशुल्क (कोई प्रवेश शुल्क नहीं है)

तारकेश्वर महादेव मंदिर, जयपुर – समय

विवरणसमय
खुले दिनसप्ताह के सभी दिन
सुबह का समयसुबह 5:30 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक
शाम का समयशाम 4:00 बजे से रात 7:00 बजे तक
मंदिर बंद होने का समयरात 7:30 बजे

नोट: विशेष अवसरों और त्योहारों पर समय में परिवर्तन हो सकता है।

तारकेश्वर महादेव मंदिर – सेवा विवरण

सेवा / अनुष्ठान / पूजा / दर्शनसमय
दर्शनसुबह 6:00 बजे
भोगसुबह 7:00 बजे
पूजासुबह 8:00 बजे
आरतीसुबह 10:00 बजे
शयन (विश्राम)दोपहर 12:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक
दर्शन (फिर से शुरू)शाम 4:00 बजे से रात 8:00 बजे तक
संध्या आरती एवं भोगशाम 6:00 बजे से 6:30 बजे तक
मंदिर बंदरात 8:10 बजे

नोट: विशेष अवसरों और त्योहारों पर सेवा के समय में परिवर्तन हो सकता है।

तारकेश्वर महादेव मंदिर, जयपुर – दर्शन समय

दर्शनसमय
सुबह का दर्शनसुबह 5:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक
शाम का दर्शनशाम 4:30 बजे से रात 7:00 बजे तक

नोट: विशेष अवसरों और त्योहारों पर दर्शन समय में बदलाव हो सकता है।

जयपुर के ताड़केश्वर महादेव मंदिर आने का सबसे अच्छा समय

ताड़केश्वर महादेव मंदिर, जयपुर की यात्रा के लिए अक्टूबर से मार्च का समय सबसे उपयुक्त माना जाता है। इस दौरान मौसम सुहावना और ठंडा होता है, जिससे दर्शन का अनुभव और भी मनमोहक बन जाता है।

ताड़केश्वरनाथ मंदिर कैसे पहुँचें

महादेव के प्रसिद्ध मंदिर, जिसे ताड़केश्वर महादेव मंदिर, जयपुर के नाम से भी जाना जाता है, तक पहुँचने के लिए आप विभिन्न साधनों का उपयोग कर सकते हैं।

a.) रेलवे द्वारा

सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन जयपुर रेलवे स्टेशन है, जो ताड़केश्वर महादेव मंदिर से लगभग 3.9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। रेलवे स्टेशन से आप साझा टैक्सी, ऑटो या कैब लेकर आराम से मंदिर पहुँच सकते हैं।

b.) हवाई मार्ग से

जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, ताड़केश्वर महादेव मंदिर का निकटतम हवाई अड्डा है। हवाई अड्डे से मंदिर की दूरी लगभग 11.3 किलोमीटर है। एयरपोर्ट से टैक्सी या निजी वाहन से मंदिर तक पहुँचना सुविधाजनक रहता है।

c.) सड़क मार्ग से

राजस्थान की सड़कें अच्छी तरह से जुड़ी हुई हैं। ताड़केश्वर महादेव मंदिर का सबसे नजदीकी बस स्टैंड जयपुर बस स्टैंड है, जो मंदिर से लगभग 2.9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आप यहाँ से रिक्शा, ऑटो या टैक्सी के माध्यम से मंदिर तक पहुँच सकते हैं।

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