(Moti Dungri Ganesh Mandir)जयपुर जिसे गुलाबी नागरिक नाम से भी जाना जाता है। यहां कई अद्भुत मंदिर पाए जाते हैं, जिनमें से एक है मोती डूंगरी गणेश जी का मंदिर। यह स्थल हर किसी के लिए एक धार्मिक आस्था का प्रतीक है। जिस तरह किसी भी कार्य को करने से पहले गणेश जी को याद किया जाता है इस प्रकार जयपुरवासी कोई भी शुभ काम करने से पहले (Moti Dungri Ganesh Ji)मोती डूंगरी गणेश जी का आशीर्वाद लेते हैं और उसके बाद ही वह अपने कार्य को करते हैं जिस वजह से उन्हें उनके कार्य में हमेशा सफलता मिलती है। यही नहीं यहां में किसी भी तरह का कोई भी मांगलिक कार्यक्रम जैसे शादी हो तो पहला निमंत्रण श्री गणेश जी को ही पहुंचाया जाता है। यह मंदिर केवल जयपुर ही नहीं बल्कि दूर-दराज से आने वाले भक्तों के लिए भी आस्था का मुख्य केंद्र है। आईये इस ब्लॉग के माध्यम से हम आपको इस भव्य मंदिर के इतिहास मान्यता दर्शन समय और यात्रा मार्ग की विस्तृत जानकारी देंगे।
मोती डूंगरी गणेश जी का इतिहास | Moti Dungri Ganesh Ji Temple
(Moti Dungri Ganesh Mandir, Jaipur)मोती डूंगरी मंदिर राजस्थान में गणेश जी को समर्पित एक हिंदू मंदिर है। यह मंदिर मोती डूंगरी पहाड़ी और मोती डूंगरी किले के नीचे स्थित है। यह जयपुर का एक लोकप्रिय मंदिर है जो बिरला मंदिर के बगल में स्थित है। मोती डूंगरी मंदिर में स्थित गणेश जी की मूर्ति 500 साल से भी पुरानी है। 17वीं शताब्दी मे महाराजा माधोसिंह मोती डूंगरी गणेश जी की मूर्ति को बैलगाड़ी पर लेकर आए थे। उन्होंने घोषणा की, कि जहां भी है बैलगाड़ी रुक जाएगी वहीं पर मैं गणेश जी का मंदिर बनवा दूंगा। और चलते-चलते बैलगाड़ी जयपुर में आकर मोती डूंगरी में रुक गई। तब राजा ने यहीं पर गणेश जी का एक भव्य मंदिर बनवाने का निश्चय किया। मंदिर के निर्माण का कार्य सेठ पालीवाल की देखरेख में 1761 में करवाया गया।
गणेश जी का मंदिर बन जाने के कुछ समय बाद माधव सिंह के बेटे ने अपने लिए वहां पर एक महल का निर्माण भी करवाया। इसके लिए के अंदर भगवान शिव का एक मंदिर भी बनवाया। जो शिव के त्यौहार केवल शिवरात्रि के दिन ही भक्तों के लिए खोला जाता है, बाकी पूरे साल यह मंदिर बंद रहता है। इस मंदिर का नाम मोदी डूंगरी गणेश मंदिर पड़ा क्योंकि यह मंदिर मोती डूंगरी पहाड़ी के नीचे स्थित है।
गणेश जी की मूर्ति के बारे में जानकारी | About Moti Dungri Ganesh JI
(Moti Dungri Ganesh Ji)मोती डूंगरी में गणेश जी की सिंदूरी रंग की प्रतिमा स्थित है। मंदिर में गणेश जी की बैठी हुई मुद्रा में बाईं और सूंड वाली प्रतिमा लोगों को बहुत आकर्षित करती है। मूर्ति का रंग सिंदरी होने के कारण यह मूर्ति बहुत चमकता है। गणेश जी की मूर्ति के ऊपर एक बहुत बड़ा चांदी का मुकुट भी स्थापित है जो उनकी शोभा को बढ़ाता है।
मोती डूंगरी गणेश मंदिर में पूजा और आरती का समय
मंदिर में दैनिक पूजा अर्चना के अलावा कई विशेष अनुष्ठान भी होते हैं। यहां हर दिन गणपति जी के दर्शनों के लिए भक्तों का भीड़ लगी रहती है। यहां पर हर बुधवार को मेला लगता है, और भीड़ भी बहुत ज्यादा होती है। इसके अलावा गणेश चतुर्थी के दिन यहां पर विशेष आयोजन होता है और काफी भक्त सुबह 4:00 बजे से ही दर्शन के लिए लाइन में लग जाते हैं।
दैनिक आरती का समय
S.No. | Darshan | Time |
1. | मंगला आरती | प्रातः 4.00 बजे |
2. | विशेष पूजा | प्रातः 11.20 बजे |
3. | श्रृंगार आरती | प्रातः 11.30 बजे |
4. | भोग आरती | दोपहर 2.15 बजे |
5. | संध्या आरती | सायंकाल 7.00 बजे |
6. | शयन आरती | रात्रि 11.45 बजे |
मोती डूंगरी गणेश मंदिर कैसे पहुंचे?
1. हवाई मार्ग:
यदि आप हवाई मार्ग से आना चाहते हैं तो जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट (12 किमी दूर) से टैक्सी या कैब द्वारा मंदिर तक आसानी से पहुंच सकते हैं।
2. रेल मार्ग:
जयपुर रेलवे स्टेशन (6 किमी दूर) से ऑटो, कैब या लोकल बस द्वारा मंदिर तक पहुँचा जा सकता है।
3. सड़क मार्ग:
जयपुर शहर के किसी भी कोने से आप मोती डूंगरी रोड द्वारा मंदिर तक पहुँच सकते हैं। सिटी बस, ऑटो और कैब सर्विस यहाँ आसानी से उपलब्ध हैं।
मोती डूंगरी मंदिर के पास घूमने की जगहें
(Moti Dungri Ganesh Mandir)मोती डूंगरी गणेश मंदिर के दर्शन के बाद आप आसपास की इन प्रसिद्ध जगहों को भी घूम सकते हैं:
- बिड़ला मंदिर – भव्य संगमरमर मंदिर, जो लक्ष्मी नारायण भगवान को समर्पित है।
- अल्बर्ट हॉल म्यूजियम – राजस्थान का सबसे पुराना संग्रहालय।
- हवा महल – जयपुर का ऐतिहासिक और प्रतिष्ठित स्थल।
- सिटी पैलेस – राजस्थानी शाही विरासत को देखने के लिए बेहतरीन स्थान।
मोती डूंगरी गणेश जी के मंदिर का पता
मोती डूंगरी, बिरला मंदिर के पास, जेएलएन मार्ग, जयपुर
ऑफ़िशियल वेबसाइट – https://www.motidungri.com/