(Govind Dev Ji Mandir) गोविन्द देव जी मंदिर , जयपुर के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। ये मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है। जयपुर का इकलौता मंदिर है जो की बिना शिखर के बना है। गोविन्द देव जी को जयपुर राजपरिवार का इष्ट माना जाता है। हर दिन हजारों श्रद्धालु दर्शन करने आते है। जयपुर के दिल में बसा यह मंदिर हर जयपुरवासी के दिल में एक ख़ास जगह बनाता है। यह मंदिर जयपुरवासियों की भावनाओ से जुड़ा है। यह मंदिर न केवल भक्तों के लिए आस्था का केंद्र है, बल्कि इतिहास, कला और संस्कृति में रुचि रखने वालों के लिए भी एक अनमोल धरोहर है। जयपुर आने वाला हर पर्यटक गोविन्द देव के दर्शन के लिए जरूर आता है।
गोविन्द देव जी मंदिर का इतिहास | History of Govind dev ji temple
गोविंद देव जी मंदिर(shree Govind Dev Ji Mandir) का निर्माण जयपुर के महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा 18वीं सदी में करवाया गया था। यह पर जो कृष्ण भगवान की मूर्ति है वह वृन्दावन से लायी गयी है। विकिपीडिया के लेख के अनुसार भगवान श्री कृष्ण के प्रपौत्र एवं मथुरा के राजा वज्रनाभ ने अपनी माता से सुने गए भगवान श्री कृष्ण के स्वरूप के आधार पर तीन विग्रहों का निर्माण करवाया इनमें से पहला विग्रह है गोविंद देव जी का है दूसरा विग्रह जयपुर के ही श्री गोपीनाथ जी का है तथा तीसरा विग्रह है श्री मदन मोहन जी करौली का है
वज्रनाभ के माता के अनुसार श्री गोविंद देव का मुख, श्री गोपीनाथ का वक्ष, श्री मदन मोहन के चरण श्री कृष्ण के स्वरूप से मेल खाते हैं पहले यह तीनों विग्रह मथुरा में स्थापित थे किंतु 11वीं शताब्दी ईस्वी के प्रारंभ में मोहम्मद गजनवी के आक्रमण के भय से इन्हें जंगल में छिपा दिया गया।
16 वी शताब्दी में चैतन्य महाप्रभु के आदेश पर उनके शिष्यों ने इन विग्रहों को खोज निकाला और मथुरा वृंदावन में स्थापित कर दिया सन 1669 में जब औरंगजेब ने मथुरा के समस्त मंदिरों को नष्ट करने का आदेश दिया तो गौड़ीय संप्रदाय के पुजारी इन विग्रहों को उठाकर जयपुर भाग आए इन तीनों विग्रहों को जयपुर में ही स्थापित कर दिया गया गोविंद देव जी को जयपुर का शासक माना गया और वहां शासकीय मर्यादा लागू हुई।
ठिकाना श्री गोविंद देव जी मंदिर की वास्तुकला | Architecture of Temple
गोविंद देव जी मंदिर चंद्रमहल के पूर्व में स्थित जयनिवास उद्यान के मध्य में स्थित है। यह मंदिर वास्तुकला का एक अद्भुत उदाहरण है। लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर से निर्मित यह मंदिर अपनी भव्यता के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर के अंदर की नक्काशी और रंग-बिरंगी सजावट देखने लायक है। मंदिर के मुख्य गर्भगृह में गोविंद देव जी(shree Govind Dev Ji) की मूर्ति स्थापित है, जो चांदी के सिंहासन पर विराजमान है।
गोविंद देव जी मंदिर जयपुर का धार्मिक महत्व
(shree Govind Dev Ji Mandir)गोविंद देव जी मंदिर में रोजाना हजारों श्रद्धालु आते हैं, और भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। जयपुर के लोगों की गोविंद देव जी में भरपूर आस्था है। मंदिर में दिन भर में सात बार आरती होती है, जिसमें भगवान को अलग-अलग तरीके से सजाया जाता है, और उन्हें अलग-अलग तरीके के भोग लगाए जाते हैं। जन्माष्टमी, राधा अष्टमी, और होली पर मंदिर को भव्य रूप से सजाया जाता है और यहां कई तरह के आयोजन भी होते हैं। इन आयोजनों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है और पूरा मंदिर भक्ति गीतों से गूंज उठता है। यह मंदिर केवल धार्मिक स्थल ही नहीं है बल्कि आध्यात्मिकता का भी एक केंद्र है जहां पर भजन-कीर्तन, ध्यान, और भक्ति-भाव से लोग गोविन्द देव जी की पूजा करते हैं।
आरती समय तालिका / Govind Dev JI Aarti Timings
क्रम | झांकी | दर्शन का समय |
1. | मंगला झांकी | प्रातः 5 से 5:15 बजे तक |
2. | धूप झांकी | प्रातः 7:45 से 9:00 तक |
3. | श्रृंगार झांकी | प्रातः 9:30 से 10:15 बजे तक |
4. | राजभोग झांकी | प्रातः 10:45 से 11:15 बजे तक |
5. | ग्वाल झांकी | सांय 5:00 से 5:15 बजे तक |
6. | संध्या झांकी | सांय 5:45 से 6:45 बजे तक |
7. | शयन झांकी | रात्रि 8:00 से 8:15 बजे तक |
नोट – यह अभी वर्तमान समय है। झांकी का समय, समय अनुसार बदलता रहता है। झांकी के नवीनतम समय के लिए हमेशा गोविंद देव जी की वेबसाइट https://govinddevji.net/ पर चेक करें।
मंदिर में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहार | Celebrated festivals in temple
- जन्माष्टमी: भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिवस पर भव्य आयोजन होता है।
- राधा अष्टमी: राधा रानी का जन्मोत्सव विशेष रूप से मनाया जाता है।
- फूलों की होली: होली के अवसर पर मंदिर में फूलों से होली खेली जाती है।
- कार्तिक पूर्णिमा: धार्मिक अनुष्ठान और भजन-कीर्तन का आयोजन होता है।
- अन्नकूट: दीवाली के बाद अन्नकूट का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है।
गोविंद देव जी मंदिर के आसपास घूमने की जगह
- सिटी पैलेस: जयपुर का राजसी महल जो मंदिर के पास स्थित है।
- जंतर मंतर: विश्व धरोहर स्थल और खगोल विज्ञान का अद्भुत उदाहरण।
- जौहरी बाजार: पारंपरिक आभूषण और हस्तशिल्प के लिए प्रसिद्ध बाजार।
गोविंद देव जी मंदिर कैसे पहुंचे | How to reach govind dev ji temple
(Thikana shri govind dev ji)गोविंद देव जी मंदिर जयपुर के मध्य में बसा हुआ है। यहां तक पहुंचाने के लिए कई तरह के साधन है, जैसे बस, कैब, ई रिक्शा, इत्यादि। अगर आपके पास खुद का वाहन है, तो आप उसके द्वारा भी यहां तक आसानी से पहुंच सकते हैं। अगर आप जयपुर के बाहर से आ रहे हैं तो रेलवे स्टेशन भी यहां से मात्र 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
ठिकाना गोविंद देव जी मंदिर संपर्क हेतु नंबर | Govind dev ji mandir contact no.
गोविन्द देव जी मंदिर में संपर्क करने हेतु निम्न संपर्क सूत्र
फ़ोन नंबर : 091 – 0141 – 2619413
ईमेल आईडी – govind.mandir@gmail.com
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गोविंद देव जी की कुछ झलकियां | Photos of Shri Govind dev ji
श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण जानकारी
- अगर आप गोविंद देव जी मंदिर आ रहे हैं और दर्शन करने की इच्छुक है तो झांकी का समय देखकर ही आवे।
- मंदिर परिसर में किसी भी तरह का प्रसाद या कोई भी वस्तु चढ़ाई नहीं जाती है, इसलिए कुछ भी लेकर नहीं जावे।
- मंदिर में झांकी बंद होने के नियत समय के बाद भी कुछ क्षणों तक खुली रहती है इसलिए जल्दबाजी न करें और भाग दौड़ ना मचाये। दर्शन आराम से करें।
- मंदिर में भीड़ भाड़ से बचना चाहते हैं तो ग्यारस, पूर्णिमा, और त्योहारों के दिन मंदिर जाने से बचें।
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