जयपुर के चांदपोल हनुमान मंदिर में क्यों है काली प्रतिमा? पढ़ें पूरी कथा
जब भी आप किसी मंदिर के विषय में पढ़ते हैं या वहाँ जाने का विचार करते हैं, तो मन में यह जिज्ञासा अवश्य होती है कि उस मंदिर को विशेष क्या बनाता है। ऐसे ही एक विलक्षण मंदिर की खोज हमें लेकर आई है जयपुर स्थित श्री चांदपोल हनुमान जी मंदिर। यह देश का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहाँ हनुमान जी की प्रतिमा श्यामवर्ण (काले रंग) की है। आइए, जानें इस अद्भुत और पूजनीय मंदिर के बारे में विस्तार से|
चांदपोल हनुमान मंदिर इतिहास
जयपुर शहर के सबसे प्राचीन और पूजनीय मंदिरों में से एक — श्री चांदपोल हनुमान जी मंदिर की स्थापना वर्ष 1727 ईस्वी में हुई थी। यह वही समय था जब महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय जयपुर शहर की नींव रख रहे थे। उन्होंने भक्ति आंदोलन को आगे बढ़ाने और जनमानस में आस्था की भावना को और मजबूत करने के लिए इस मंदिर का निर्माण करवाया। विशेष रूप से हनुमान जी — जो शक्ति, बुद्धि और संकट से उबारने वाले देवता माने जाते हैं — के प्रति राजा की गहरी श्रद्धा इस मंदिर की नींव का कारण बनी।
चांदपोल हनुमान जी की काले रंग की प्रतिमा का महत्व
श्री चांदपोल हनुमान जी मंदिर की सबसे अनोखी विशेषता है — हनुमान जी की काले रंग की मूर्ति, जो इस रूप में विराजमान हैं जैसा अन्य किसी मंदिर में नहीं देखा गया।
स्थानीय बुजुर्गों और संतों की मान्यता के अनुसार, यह रूप पुराणों और शास्त्रों में वर्णित एक अद्भुत कथा से जुड़ा है। कहा जाता है कि भगवान सूर्य हनुमान जी के गुरु थे। एक बार हनुमान जी ने गुरु दक्षिणा देने की इच्छा जताई और सूर्यदेव से पूछा, “गुरुदेव, मैं आपको क्या दक्षिणा दूं?”
तब सूर्यदेव ने कहा, “मेरे पुत्र शनि देव को मेरे पास ले आओ।” हनुमान जी ने शनि देव से भेंट करवाई और उनकी इच्छा अनुसार काले रंग का रूप धारण कर लिया। यही कारण है कि इस मंदिर में हनुमान जी का कृष्णवर्णीय (काले रंग का) स्वरूप स्थापित है — जो अपने आप में अत्यंत दिव्य और दुर्लभ है।
See more :
धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व
- यहां भक्त हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं और संकट मोचन से कष्टों से मुक्ति की प्रार्थना करते हैं।
- विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन हेतु आते हैं।
- मंदिर परिसर में सकारात्मक ऊर्जा और आत्मिक शांति का अनुभव होता है।
त्योहार और विशेष आयोजन
- हनुमान जयंती पर मंदिर में भव्य झांकी और सुंदरकांड पाठ होता है।
- शनि अमावस्या पर भी यहां विशेष पूजा का आयोजन होता है, क्योंकि यह मंदिर शनि और हनुमान जी दोनों से जुड़ा हुआ माना जाता है।
वास्तुशिल्प विशेषताएँ
इस मंदिर की वास्तुकला अत्यंत भव्य और कलात्मक है। गर्भगृह संगमरमर की बारीक नक्काशी से सुसज्जित है, जो शांति और दिव्यता का अनुभव कराता है। प्रार्थना कक्ष भी अत्यंत आकर्षक और भक्तिपूर्ण वातावरण से भरा हुआ है।
मंदिर का शिखर लगभग 25 फीट ऊँचा है और उस पर सोने की पॉलिश किया हुआ तांबे का कलश स्थापित है। शिखर की दीवारों पर रामचरित मानस के 16 प्रसंगों के सुंदर चित्र उकेरे गए हैं। मंदिर की छत पर राम पंचायत का दृश्य है, जिसमें भगवान राम और माता सीता सिंहासन पर विराजमान हैं, तीनों भाई उनकी सेवा में हैं और हनुमान जी भक्ति भाव से सेवा कर रहे हैं।
हनुमान जी की प्रतिमा की विशेषता
इस मंदिर में स्थित हनुमान जी की मूर्ति अत्यंत दुर्लभ मानी जाती है। यह मूर्ति लगभग 5½ फीट ऊँची और 3¼ फीट चौड़ी है। मूर्ति पर प्रतिदिन सिंदूर का लेप चढ़ाया जाता है, जिसे “चोल” या आवरण कहा जाता है। यह मूर्ति दक्षिणमुखी है, जो कि बहुत कम मंदिरों में देखने को मिलती है।
एक मान्यता के अनुसार, सूर्य देव हनुमान जी के गुरु थे। जब हनुमान जी ने गुरु दक्षिणा देने की इच्छा जताई, तब सूर्य देव ने उनसे शनिदेव को अपने पास लाने का कहा। हनुमान जी ने यह कार्य पूर्ण किया और शनिदेव की इच्छा अनुसार स्वयं ने काले रंग का स्वरूप भी धारण किया। इसी कारण मंदिर में स्थापित मूर्ति भी काले रंग की मानी जाती है।
आरती समय
आरती का समय | विवरण |
सुबह 7:00 बजे | प्रातःकालीन आरती |
दोपहर 12:00 बजे | मध्याह्न आरती |
शाम 7:00 बजे | सायंकालीन आरती |
श्री चांदपोल हनुमान जी मंदिर कैसे पहुँचें
रेलवे मार्ग से:
श्री चांदपोल हनुमान जी मंदिर तक पहुँचने का सबसे आसान मार्ग है जयपुर रेलवे स्टेशन, जो मंदिर से मात्र 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। स्टेशन से बाहर निकलते ही आसानी से ऑटो, टैक्सी या कैब की सुविधा उपलब्ध है, जिससे आप कुछ ही मिनटों में मंदिर तक पहुँच सकते हैं।
हवाई मार्ग से:
अगर आप हवाई यात्रा द्वारा जयपुर आ रहे हैं तो नजदीकी हवाई अड्डा जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट है, जो मंदिर से लगभग 12 किलोमीटर दूर है। एयरपोर्ट से टैक्सी, कैब या निजी वाहन से मंदिर तक पहुंचने में लगभग 30 मिनट का समय लगता है, और रास्ता भी सुविधाजनक है।
सड़क मार्ग से:
जयपुर शहर की सड़कें अच्छी तरह विकसित और सुगम हैं। चांदपोल हनुमान जी मंदिर के सबसे नजदीक स्थित बस स्टैंड सिंधी कैंप बस स्टैंड है, जो लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर है। आप यहाँ से ई-रिक्शा, ऑटो रिक्शा या स्थानीय टैक्सी लेकर मंदिर तक आसानी से पहुंच सकते हैं।