श्री खोले के हनुमानजी मंदिर – एक आध्यात्मिक धरोहर (Khole Ke Hanuman JI Temple)

(About Khole Ke Hanuman JI Temple)राजस्थान में जिस तरह अरावली पहाड़ी प्रसिद्ध है उसी प्रकार इस पहाड़ी पर बने हुए काफी मंदिर भी प्रसिद्ध है जिनमें से एक है श्री खोले के हनुमान जी मंदिर। 1960 में बना यह मंदिर अरावली की पहाड़ियों के बिल्कुल बीचों-बीच स्थित है, और जयपुर के सबसे प्रसिद्ध हनुमान मंदिरों में से एक है। खोले के हनुमान जी मंदिर अपनी लोकप्रियता के लिए बहुत ही जाना जाता है और इसी कारण इस मंदिर(khole ke hanuman ji mandir) में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है। और मंगलवार और शनिवार के दिन तो यहां मेले जैसा माहौल रहता है। मंदिर का शांत वातावरण, भजन-कीर्तन की गूंज और प्रसाद वितरण की परंपरा इसे और भी पवित्र और दिव्य बना देती है। 

माना जाता है कि यहां पर आने वाले भक्तों की मनोकामना पूरी होती है। विशेष रूप से यहां सवामणि का भोग लगाने की परंपरा रही है, श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूरी होने पर हनुमान जी को विशेष प्रसाद का भोग चढ़ाते हैं। मंदिर की भव्यता और आध्यात्मिक ऊर्जा इसे जयपुर आने वाले हर श्रद्धालु के लिए एक अनिवार्य धार्मिक स्थल बना देती है।

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खोले के हनुमान जी मंदिर का इतिहास

(Khole Ke Hanuman JI Temple History)खोले के हनुमान जी का इतिहास काफी पुराना माना गया है। 60 के दशक में शहर की पूर्वी पहाड़ियों की को में बहते हुए बरसाती नाले और पहाड़ों के बीच एक निर्जन स्थान में जंगली जानवरों के दर से जहां पर शहर वासी भी रुक नहीं कर पाते थे तब एक साहसी ब्राह्मण पंडित श्री राधेलाल चौबे जी ने इस निर्जन स्थान का रुख किया और यहां पर पहाड़ पर लेटे हुए हनुमान जी की विशाल मूर्ति खोज निकाली। उसके बाद उन ब्राह्मण ने इसी स्थान पर हनुमान जी की पूजा अर्चना करनी शुरू कर दी और अंत समय तक भी उन्होंने वह जगह नहीं छोड़ी। 

मंदिर का नाम “खोले” इसलिए पड़ा क्योंकि यह एक घाटी (जिसे स्थानीय भाषा में ‘खोला’ कहा जाता है) में स्थित है। प्रारंभ में यहां पर श्री राधेलाल चौबे जी ने पूजा अर्चना शुरू की उसके बाद धीरे-धीरे यहां की लोकप्रियता बढ़ती गई और समय के साथ भक्तों की श्रद्धा बढ़ती गई और मंदिर का विस्तार होता गया। स्थानीय श्रद्धालुओं और दानदाताओं के सहयोग से मंदिर की भव्यता को बढ़ाया गया, जिससे यह आज एक विशाल धार्मिक स्थल के रूप में प्रसिद्ध हो गया है। 

आज, खोले के हनुमानजी मंदिर(Khole Ke Hanuman JI Temple) केवल जयपुर ही नहीं, बल्कि पूरे राजस्थान में हनुमान भक्तों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल बन चुका है, जहां दूर-दूर से श्रद्धालु अपनी मनोकामना लेकर आते हैं और भगवान की कृपा प्राप्त करते हैं।

मंदिर की वास्तुकला और विशेषताएँ (Architecture of Khole ke Hanuman JI Temple)

खोले के हनुमानजी का मंदिर रामगढ़ मोड़ के पास, राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 8 से लगभग 2 किलोमीटर अंदर स्थित है। इसका भव्य मुख्य द्वार सीधे राजमार्ग पर बना हुआ है और यह प्राचीन दुर्ग शैली में निर्मित एक विशाल तीन मंजिला इमारत है, जो अपनी भव्यता और आकर्षक स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है।

मंदिर के प्रवेश द्वार के सामने एक विस्तृत खुला प्रांगण (चौक) है, जो श्रद्धालुओं के दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए पर्याप्त स्थान प्रदान करता है। मुख्य द्वार के दाईं ओर श्री राधेलाल चौबे जी की संगमरमर से निर्मित समाधि स्थित है, जो मंदिर के इतिहास और धार्मिक महत्व से जुड़ी हुई है।

मंदिर में स्थापित प्रमुख देवालय

अंदर जाते ही पहाड़ी पर हनुमानजी की विशाल मूर्ति भक्तों का ध्यान आकर्षित करती है। इसके अलावा, इस तीन मंजिला मंदिर परिसर में कई अन्य देवी-देवताओं के मंदिर भी स्थित हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • श्री राम दरबार
  • नृत्य गणेश जी
  • ऋषि वाल्मीकि और तुलसीदास जी
  • गायत्री माता मंदिर
  • रामेश्वर द्वादश ज्योतिर्लिंग
  • वैष्णो देवी मंदिर (पहाड़ी पर स्थित)
  • गंगा माता मंदिर
  • माँ अन्नपूर्णा मंदिर
  • वीर तेजाजी मंदिर
  • प्रेम भैया मंदिर
  • शिव परिवार के विभिन्न मंदिर

मंदिर का प्राकृतिक परिवेश और विशेषताएँ

मंदिर की भव्यता केवल इसकी वास्तुकला तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसके प्राकृतिक परिवेश में भी झलकती है। पहाड़ियों से घिरा यह स्थान हरियाली और आध्यात्मिक शांति का केंद्र है। चूँकि यह मंदिर हनुमानजी को समर्पित है, यहाँ बंदरों की संख्या अधिक देखी जाती है, जिससे श्रद्धालुओं को सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।

इस मंदिर का दिव्य वातावरण, सुंदर वास्तुकला, और आध्यात्मिक शांति इसे जयपुर के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक बनाते हैं। मंदिर परिसर में आगंतुकों के लिए कई सुविधाएँ उपलब्ध हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • हरे-भरे बगीचे
  • गेस्ट हाउस
  • रसोई और भोजन क्षेत्र

खोले के हनुमानजी की विशेषता

(Khole ke hanuman ji Temple)खोले के हनुमानजी की मूर्ति स्वयंभू मानी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि जो भक्त सच्चे मन से यहाँ हनुमानजी का दर्शन करते हैं, उनकी हर मनोकामना पूर्ण होती है।

  • मंगलवार और शनिवार को विशेष रूप से यहाँ भक्तों की भीड़ रहती है।
  • यहाँ भोग में चूरमा, लड्डू और अन्य पारंपरिक प्रसाद चढ़ाया जाता है।
  • मंदिर में सुबह-शाम आरती का आयोजन होता है, जिसे देखने मात्र से ही मन शांत हो जाता है।

सवामणी का महत्व

Khole ke hanuman ji mandir me सवामणी एक धार्मिक परंपरा है, जिसमें भक्त अपनी मनोकामना पूर्ण होने के उपलक्ष्य में भगवान को 1.25 (सवा) मन (लगभग 50 किलो) प्रसाद अर्पित करते हैं। यह प्रसाद हनुमानजी को अर्पण करने के बाद भक्तों को खिलाया जाता है। खोले के हनुमानजी मंदिर में हर मंगलवार और शनिवार को सवामणी का विशेष आयोजन होता है। भक्त अपनी श्रद्धा के अनुसार यहाँ बेसन के लड्डू, चूरमा और अन्य मिठाइयाँ चढ़ाते हैं। सवामणी आयोजन के दौरान मंदिर में भजन-कीर्तन का विशेष आयोजन होता है।

सवामणी बुकिंग की प्रक्रिया

यदि कोई भक्त सवामणी का आयोजन करना चाहता है, तो उसे पहले से (Khole ke hanuman ji Temple)मंदिर परिसर में स्थित रसोई में बुकिंग करानी होगी। मंदिर में कुल 24 रसोई उपलब्ध हैं, जिन्हें मंदिर प्रबंधन से संपर्क करके एक दिन के लिए किराए पर लिया जा सकता है। 

रसोई का किराया कई कारकों पर निर्भर करता है, जिनमें शामिल हैं:

  • भोजन कराने वाले व्यक्तियों की संख्या
  • मेनू का चयन
  • अतिरिक्त सुविधाएँ और विशेष व्यंजन

कुछ रसोई में अतिरिक्त सुविधाओं और विशेष भोजन विकल्पों के कारण किराया अधिक हो सकता है। इसलिए, आयोजन से पहले उचित योजना बनाना आवश्यक है।

मंदिर में होने वाले विशेष आयोजन और उत्सव

  • हनुमान जयंती: हर साल हनुमान जयंती के अवसर पर यहाँ भव्य शोभायात्रा निकाली जाती है।
  • राम नवमी: इस दिन भगवान राम और हनुमानजी की विशेष पूजा-अर्चना होती है।
  • साप्ताहिक भजन संध्या: प्रत्येक शनिवार को मंदिर में भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है, जिसमें स्थानीय गायक और भजन मंडलियाँ हिस्सा लेती हैं।

कैसे पहुँचें? How to reach Khole ke hanuman ji temple

खुले के हनुमान जी मंदिर तक पहुंचाने के लिए आप निम्न साधनों का उपयोग कर सकते हैं जैसे:

  • रेलवे स्टेशन से दूरी: जयपुर रेलवे स्टेशन से लगभग 10 किमी दूर स्थित है।
  • बस स्टैंड से दूरी: सिंधी कैंप बस स्टैंड से लगभग 9 किमी की दूरी पर है।
  • नजदीकी हवाई अड्डा: जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से मंदिर लगभग 15 किमी दूर है।
  • कैब/ऑटो: जयपुर शहर से मंदिर तक आसानी से कैब, ऑटो और टेम्पो की सुविधा उपलब्ध है।

(Khole ke hanuman ji Mandir)मंदिर परिसर के बाहर विस्तृत कार पार्किंग की सुविधा उपलब्ध है। आगंतुक अपनी गाड़ियों को मंदिर परिसर के पास पार्क कर सकते हैं। मंदिर समिति द्वारा वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों की सुविधा के लिए बैटरी चालित वाहन प्रदान किए जाते हैं, जो पार्किंग क्षेत्र से मंदिर तक निःशुल्क परिवहन सेवा उपलब्ध कराते हैं। यह सेवा श्रद्धालुओं की सुविधा और सुगम दर्शन को ध्यान में रखते हुए प्रदान की जाती है।

मंदिर के आसपास के दर्शनीय स्थल

श्री खोले के हनुमान जी मंदिर(Khole ke hanuman ji Temple) के पास ही पहाड़ी पर वैष्णो देवी मंदिर मंदिर भी स्थित है। यह बहुत ही प्राचीन मंदिर है जो की श्रद्धालुओं की विशेष आस्था का केंद्र है लेकिन यहां तक पहुंचने का रास्ता बहुत ही दुर्गम था लेकिन कुछ ही समय पहले यहां पर राजस्थान सरकार के द्वारा रोपवे  का निर्माण करवाया गया है। इस रूप में के निर्माण के बाद इस मंदिर तक पहुंचना श्रद्धालुओं के लिए काफी आसान हो गया है। रोपवे सेवा शुरू होने के बाद, श्रद्धालुओं के लिए वैष्णो देवी मंदिर के दर्शन करना अधिक सुविधाजनक हो गया है। पहाड़ी पर स्थित होने के कारण, यहाँ से जयपुर शहर और आसपास के क्षेत्रों का मनोरम दृश्य भी देखने को मिलता है।

वैष्णो देवी मंदिर के अलावा आप इन दर्शनीय स्थलों को भी देख सकते हैं:

  • गलता जी मंदिर: यह एक प्राचीन तीर्थ स्थल है, जहाँ जलकुंड और सुन्दर मंदिर स्थित हैं।
  • नाहरगढ़ किला: जयपुर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक, जहाँ से पूरे शहर का सुंदर दृश्य दिखाई देता है।
  • जल महल: पानी के बीच बना यह महल अपनी खूबसूरती और शाही स्थापत्य के लिए प्रसिद्ध है।

खोले के हनुमानजी मंदिर का समय और प्रवेश जानकारी

Khole ke hanuman ji Mandir  में  प्रतिदिन सुबह 6:00 बजे से शाम 8:30 बजे तक श्रद्धालुओं के लिए खुला रहता है। मंदिर में प्रवेश निःशुल्क है, यानी दर्शन के लिए किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता।

मंदिर में दर्शन का सबसे उत्तम समय शाम की आरती (लगभग 7:00 बजे) माना जाता है, जब भक्ति और आध्यात्मिकता का विशेष माहौल बनता है।

Khole ke Hanuman Ji Temple Location (खोले के हनुमान जी मंदिर का पता) 

 खोले के हनुमानजी मंदिर, लाल डूंगरी, रामगढ़ मोड़, जयपुर, राजस्थान – 302002, भारत.

निष्कर्ष

खोले के हनुमानजी मंदिर(Khole ke hanuman ji Temple) न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह एक आध्यात्मिक और प्राकृतिक आनंद प्रदान करने वाला स्थान भी है। यहाँ आने से मन को अद्भुत शांति और सुकून मिलता है। भक्तों की अपार श्रद्धा, सुंदर प्राकृतिक वातावरण और विशेष सवामणी आयोजन इसे और भी खास बनाते हैं। अगर आप जयपुर आ रहे हैं, तो इस पवित्र स्थान के दर्शन जरूर करें और भगवान हनुमानजी का आशीर्वाद प्राप्त करें।

  1. 1. खोले के हनुमान जी मंदिर में दर्शन का सबसे अच्छा समय कोनसा हैं?

    मंदिर में दर्शन का सबसे अच्छा समय सुबह और शाम का है। 

  2. 2. खोले के हनुमान जी मंदिर में अन्नकूट कब होता है?

    यहाँ पर अन्नकूट दिवाली के अगले दिन होता है।

  3. 3. खोले के हनुमान जी जयपुर से कितने किलोमीटर दूर है?

    खोले के हनुमानजी मंदिर भारत के राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर से लगभग 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है।

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