(Shri Jharkhand mahadev mandir)जयपुर वैसे तो कई चीजों के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन जयपुर शिव मंदिरों के लिए भी बहुत चर्चा में रहा है, और जिनमें से एक है श्री झारखंड महादेव मंदिर जयपुर। यह एक शिव मंदिर है जो केवल जयपुरवासियो के लिए ही नहीं बल्कि बाहर से आने वाले लोगों के लिए भी एक बहुत ही महत्वपूर्ण धार्मिक स्थान है। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर अपने शांत वातावरण एवं दक्षिण भारतीय शैली की वास्तुकला के लिए भी जाना जाता है। यहां हजारों श्रद्धालु प्रतिदिन दर्शनों के लिए आते हैं।
झारखंड महादेव मंदिर का इतिहास और पौराणिक कथा | History of Jharkhand mahadev mandir
झारखंड महादेव मंदिर का इतिहास काफी रोचक है।(Jharkhand mahadev temple) श्री झारखंड नाथ शिव ज्योतिर्लिंग मंदिर का सर्वप्रथम निर्माण कार्य सेठ बब्बूजी माहेश्वरी द्वारा सन 1918 में करवाया गया था। सेठ बब्बूजी शिव के अनन्य भक्त होने के साथ ही एक संपन्न व्यापारी परिवार के भी थे। जब सेठ बब्बूजी 14 वर्ष की उम्र के थे तब एक दिन कुछ साथियों को लेकर भ्रमण को निकले उस समय घना जंगल हुआ करता था। घने जंगल के कारण लोगों को इस जंगल में भय लगता था, इसलिए कोई भी यहां आता जाता नहीं होता था। सेठ बब्बू जी यहां के इस घने जंगल में एक साधु को धूनी के समक्ष ध्यान मग्न देखा तो उन्हें बहुत आश्चर्य हुआ। किन्तु स्वतः ही निगाह दूसरी तरफ जाते उन्हें ही महादेव के दर्शन हुए। तभी वे साधू साधु से पूछ बैठे के क्या मैं शिवलिंग पर मंदिर का निर्माण कर दू। किंतु बालक का घने जंगल में आना और इस तरह मंदिर निर्माण की बात करना उन्हें मजाक लगा और उन्होंने कह दिया कि हां कर दो। बालक ने पूछा काम कब से शुरू करवाना है इस बात का जवाब देते हुए साधु बोले तू चाहे तो कल से ही काम शुरू करवा दे।
दूसरे ही दिन 300 कारीगरों/काम करने वालों के साथ जब यह बालक सेठ बब्बूजी शिव के इस दरबार में उपस्थित हुए तो साधु के आश्चर्य सीमा नहीं रही साधु ने कहा, हो न हो यह महादेव शिव की आज्ञा से ही इस जंगल में, जहां खुंखार जानवरों के अलावा कोई आने की हिम्मत नहीं करता ऐसे में एक बालक का अचानक आना व आकर मंदिर के निर्माण के लिए पूछना , यह भोलेनाथ की आज्ञा का संकेत नही तो और क्या है ? साधु ने इसे शिव का आदेश मान कर बालक को आशीर्वाद देकर मंदिर का निर्माण कार्य आरम्भ करवाया, जो 300 कारीगरों के द्वारा कुछ समय में सम्पन्न हो गया। उस समय यह छोटी नदी के किनारे जो वर्तमान में नाले का रूप अख्तयार कर चुका है के बीचो-बीच स्थित है। इस प्रकार (Shree Jharkhand mahadev)श्री झाड़खण्डनाथ की आज्ञा से बाबा गोविन्दनाथ के आशीर्वाद को लेकर श्री बब्बूजी सेठ माध्यम बने पंचनाथों में एक नाथ श्रीझाड़खण्डनाथ तीर्थ स्थली के निर्माण की शुरुआत के लिए।
मंदिर की वास्तुकला: दक्षिण भारतीय शैली का अनूठा नमूना | Jhardkhand Mahadev Temple Architechture
(Jharkhand mahadev mandir)झारखंड महादेव मंदिर वास्तुकला का एक अद्भुत नमूना है। इस मंदिर में बारीक नक्काशी और सुंदर मूर्तियां देखने को मिलती है यहां पर एक प्राकृतिक शिवलिंग है जिसे स्वयंभू माना जाता है मान्यता है कि यहां पर मांगी गई हर मन्नत पूरी होती है मंदिर का वातावरण बहुत ही शांत और पवित्र है यहां का मुख्य द्वार दक्षिण वास्तु शैली के अनुसार बनाया हुआ है। मंदिर परिसर में एक बहुत बड़ा प्रांगण है। जहां पर भक्त प्रार्थना कर सकते हैं। इसके अलावा मंदिर के आसपास हरे-भरे पेड़ है जो कि यहां के वातावरण को बहुत ही अद्भुत बनाते हैं।
झारखंड महादेव मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय
यह एक शिव मंदिर है तो शिवरात्रि के दिन यहां पर अलग से पूजा अर्चना होती है और बहुत से श्रद्धालु दर्शन करने हेतु आते हैं। लेकिन अगर आप भीड़ से बचना चाहते हैं तो आप किसी भी दिन आ सकते हैं, त्योहार के दिनों को छोड़कर हां। वैसे मंदिर में जाना सुबह और शाम को बहुत अच्छा होता है।
(Jharkhand mahadev mandir)झारखंड महादेव मंदिर जयपुर शहर से लगभग 10-15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह पर निम्न तरीको से पहुंच सकते है।
- सड़क मार्ग: जयपुर से टैक्सी, कैब या बस के माध्यम से आसानी से पहुंचा जा सकता है।
- रेलवे मार्ग: नजदीकी रेलवे स्टेशन जयपुर जंक्शन है, जहां से आप कैब या ऑटो ले सकते हैं।
- हवाई मार्ग: जयपुर एयरपोर्ट से मंदिर तक पहुंचने में लगभग 30-40 मिनट लगते हैं।
झारखंड महादेव मंदिर की आरती | Aarti Shri Jharkhand Mahadev Ki
जय शिव ओंकारा , भज शिव ओंकारा।
ब्रह्या विष्णु सदाशिव अर्द्धगी धारा।। ।।ऊँ हर हर महादेव।।
एकानन चतुरानन प´चानन राजै।
हंसासन गुरूडासन वृषवाहन साजै।। ।।ऊँ हर हर महादेव।
दो भुज चार चतुर्भुज दशभुज अति सोहै।
तीनों रूप निरखते त्रिभुवन-जन मोहै।। ।।ऊँ हर हर महादेव।।
अक्षमाला वनमाला रूण्डमाला धारी।
त्रिपुरारी कंसारी करमाला धारी।। ।।ऊँ हर हर महादेव।।
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघाम्बर संगे।
सनकादिक गरूडादिक भूतादिक संगे।। ।।ऊँ हर हर महादेव।।
कर मध्ये सकुमण्डलु चक्र शूलधारी।
सुखकारी दुखहारी जग-पालनकारी ।। ।।ऊँ हर हर महादेव।।
ब्रह्य विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
प्रणवाक्षरमें शोभित ये तीनों ऐका।। ।।ऊँ हर हर महादेव।।
त्रिगुणस्वामिकी आरति जो कोई नर गावै।
भनत शिवानन्द स्वामी मनवा´छत पावै।। ।।ऊँ हर हर महादेव।।
मंदिर के प्रमुख त्योहार: शिवरात्रि, श्रावण सोमवार और फाल्गुनी दूज
- शिवरात्रि – शिवरात्रि सबसे बड़ा त्यौहार है जो बड़े ही आनंद के साथ मनाया जाता है।
- श्रावण मास का चौथा सोमवार – इस दिल विशेष नाव की जाति से भोलेनाथ को सजाया जाता है। इस दिन यहां मेरे जैसा माहौल रहता है।
- फाल्गुनी दूज – तीसरा बड़ा त्यौहार बाबा गोविन्दनाथजी कि पुण्यतिथि फाल्गुन बदी एकम दोज को मनाया जाता है। इस दिन बाबा गोविंद नाथ ने स्वयं की इच्छा से पूर्व घोषणा के तहत अपना शरीर छोड दिया था।
दर्शन और आरती का समय | Jharkhand mahadev aarti timings
मंदिर खुलने का समय : सुबह 4.30 बजे
दर्शन समय : सुबह 4.45 बजे से रात्रि के आरती तक
जलाभिषेक : समय :- प्रात: 5:15 से साँय 4 बजे तक
सायं कालीन आरती : सूर्यास्त अनुसार
शयन आरती : 11 बजे प्रत्येक सोमवार
11.30 बजे सावन सोमवार
12 बजे आखिरी सोमवार
10.30 बजे प्रदोष में बजे पूरे वर्ष
9 बजे सर्दियों में दिवाली के अगले दिन से होली तक
9.30 बजे होली के अगले दिन से 14 मई तक 10 बजे
15 मई से समय :- प्रात: 5:15 से साँय 4 बजे तक
झारखंड महादेव मंदिर का पता | Address of Jharkhand Mahadev
(Shri Jharkhand mahadev mandir) झारखंड महादेव मार्ग, क्वींस रोड, वैशाली नगर, जयपुर
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